सोच लोगों की सोच लोगों की
वहाँ लोगो के दिल नहीं मिलते है वहाँ लोगो की जरूरतें जुड़ी होती है वहाँ लोगो के दिल नहीं मिलते है वहाँ लोगो की जरूरतें जुड़ी होती है
लोगो की चालाकी देखकर, हम चालाकी भूल गए... लोगो की चालाकी देखकर, हम चालाकी भूल गए...
सकारत्मक सोच देती कविता ,हौसलों को उड़ान देती हुई कविता सकारत्मक सोच देती कविता ,हौसलों को उड़ान देती हुई कविता
अब क्षीरसागर मथने से, निकलेगा ऐसा नवनीत।५। अब क्षीरसागर मथने से, निकलेगा ऐसा नवनीत।५।
प्रकृति आज मानव से नाखुश। परिवर्तित ऋतु चक्र कर रही। प्रकृति आज मानव से नाखुश। परिवर्तित ऋतु चक्र कर रही।